सऊदी अरब और अरब देशों में ईद-उल-फितर 2025 की घोषणा
सऊदी अरब में शनिवार, 29 मार्च 2025 को रमज़ान का चांद देखा गया, जिसके बाद सऊदी अरब की सुप्रीम कोर्ट ने ऐलान किया कि रमज़ान का पवित्र महीना समाप्त हो चुका है और रविवार, 30 मार्च 2025 को ईद-उल-फितर मनाई जाएगी। सऊदी अरब के साथ-साथ संयुक्त अरब अमीरात (UAE), कतर, कुवैत, और बहरीन जैसे अन्य अरब देशों ने भी चांद देखे जाने की पुष्टि की और 30 मार्च को ईद मनाने की घोषणा की। सऊदी अरब की आधिकारिक न्यूज़ एजेंसी SPA ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि चांद देखने की कमेटी ने कई क्षेत्रों से चांद दिखने की खबरें प्राप्त कीं, जिसके आधार पर यह फैसला लिया गया।

ईद-उल-फितर का त्योहार रमज़ान के पवित्र महीने के बाद शव्वाल महीने की पहली तारीख को मनाया जाता है। यह मुस्लिम समुदाय के लिए खुशी और भाईचारे का प्रतीक है, जिसमें लोग नमाज़ अदा करते हैं, एक-दूसरे को बधाई देते हैं, और ज़कात-उल-फितर के ज़रिए गरीबों की मदद करते हैं। सऊदी अरब में 30 मार्च को सरकारी और निजी क्षेत्रों में छुट्टी घोषित की गई है, और लोग इस दिन को उत्साह के साथ मनाने की तैयारी कर रहे हैं।
भारत में कब मनाई जाएगी ईद-उल-फितर 2025?
भारत में ईद-उल-फितर की तारीख सऊदी अरब से आमतौर पर एक दिन बाद होती है, क्योंकि भारत में चांद देखने की परंपरा का पालन किया जाता है। चूंकि सऊदी अरब में 29 मार्च को चांद दिखा, भारत में 30 मार्च की शाम को चांद देखे जाने की संभावना है। अगर 30 मार्च को चांद दिखता है, तो भारत में ईद-उल-फितर 31 मार्च 2025 को मनाई जाएगी। हालांकि, अगर चांद नहीं दिखा, तो रमज़ान का 30वां रोज़ा पूरा होगा और ईद 1 अप्रैल 2025 को मनाई जा सकती है।
पटना की प्रसिद्ध संस्था इमारत-ए-शरिया ने भी इस संबंध में एक बयान जारी किया है। इमारत-ए-शरिया के क़ाज़ी ने कहा, “हम चांद देखने की शरई परंपरा का पालन करते हैं। 30 मार्च की शाम को बिहार और आसपास के क्षेत्रों में चांद देखने की कोशिश की जाएगी। अगर चांद दिखा, तो 31 मार्च को ईद मनाई जाएगी।” उन्होंने यह भी अपील की कि लोग चांद देखने की खबरों को लेकर अफवाहों पर ध्यान न दें और आधिकारिक घोषणा का इंतज़ार करें। इमारत-ए-शरिया बिहार, झारखंड, और ओडिशा में चांद देखने की प्रक्रिया को मॉनिटर करती है और इसकी घोषणा के आधार पर इन क्षेत्रों में ईद की तारीख तय की जाती है।ईद-उल-फितर 2025 का महत्व और उत्सव की तैयारियां:
ईद-उल-फितर (2025) का त्योहार मुस्लिम समुदाय के लिए बेहद खास होता है। यह रमज़ान के महीने में रोज़े रखने, इबादत करने, और नेकी के काम करने के बाद खुशी का मौका होता है। इस दिन लोग सुबह जल्दी उठकर नहा-धोकर नए कपड़े पहनते हैं, ईदगाह या मस्जिद में जाकर ईद की नमाज़ अदा करते हैं, और फिर एक-दूसरे को गले मिलकर “ईद मुबारक” की बधाई देते हैं। इस दिन सेवइयां, शीर खुरमा, और अन्य पकवान बनाए जाते हैं, जो इस त्योहार की मिठास को बढ़ाते हैं।

भारत में ईद की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो चुकी हैं। दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, और लखनऊ जैसे शहरों में बाजारों में रौनक देखने को मिल रही है। लोग नए कपड़े, जूते, और गहने खरीद रहे हैं, साथ ही घरों में सजावट और पकवानों की तैयारी भी चल रही है।
ईद-उल-फितर 2025 से जुड़े कुछ रोचक तथ्य:
चांद देखने की परंपरा: इस्लाम में चांद देखकर ही रमज़ान और ईद की तारीख तय की जाती है। यह परंपरा पैगंबर मुहम्मद (स.अ.व.) के समय से चली आ रही है।
ज़कात-उल-फितर: ईद से पहले हर मुस्लिम पर ज़कात-उल-फितर देना अनिवार्य है, जो गरीबों को दी जाती है ताकि वे भी ईद की खुशियां मना सकें।
ईद की नमाज़: ईद की नमाज़ सुबह के समय पढ़ी जाती है, और इसके बाद लोग एक-दूसरे से मिलकर खुशियां बांटते हैं।
ईद-उल-फितर 2025 का त्योहार सऊदी अरब और अन्य अरब देशों में 30 मार्च को मनाया जाएगा, जबकि भारत में 31 मार्च को इसकी संभावना है। पटना की इमारत-ए-शरिया ने भी चांद देखने की प्रक्रिया को लेकर अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। यह त्योहार सभी के लिए खुशियां और भाईचारा लेकर आए, यही हमारी कामना है।
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